30 अक्टूबर, 2024 – गुजरात के एक वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा पर पुलिस ने तीसरा मामला दर्ज किया है। यह मामला अहमदाबाद में एक विज्ञापन कंपनी के मालिक की शिकायत पर दर्ज हुआ है। महेश लांगा, जो द हिंदू के संवाददाता हैं, को पहले ही जीएसटी (GST) धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।

तीसरे केस की पृष्ठभूमि
पुलिस के अनुसार, यह तीसरा मामला अहमदाबाद में खुशी एडवर्टाइजिंग के मालिक प्रणव शाह की शिकायत पर दर्ज किया गया है। शाह का आरोप है कि लांगा ने उनसे 28.68 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। पुलिस के मुताबिक, शाह ने पत्रकार महेश लांगा को 23 लाख रुपये विज्ञापन कार्य के लिए ट्रांसफर किए और लगभग 5 लाख रुपये एक पार्टी के लिए दिए, जो लांगा ने सितंबर में आयोजित की थी।
शिकायत में, शाह ने आरोप लगाया कि लांगा ने खुद को एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में पेश किया, जो मीडिया और सरकारी तंत्र में अपने संपर्कों के माध्यम से सकारात्मक समाचार कवरेज और प्रमोशनल पोर्टल बनाने की पेशकश कर सकता था।
धोखाधड़ी के आरोपों का विवरण
शाह ने दावा किया कि उन्होंने मार्च और जून के महीनों में लांगा के लिए एक ऑफिस खरीदने के लिए एक मित्र की कंपनी के माध्यम से 23 लाख रुपये का भुगतान किया था। लांगा ने कथित तौर पर शाह को आश्वासन दिया था कि वह इस राशि को नकद में वापस कर देंगे।
इसके अलावा, शाह ने एक पार्टी भी आयोजित की, जो लांगा की पत्नी के जन्मदिन के लिए थी। इस पार्टी पर लगभग 5,68,250 रुपये खर्च किए गए थे, जिसका खर्च लांगा ने देने का वादा किया था। लेकिन शाह का आरोप है कि लांगा ने इस राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया और उन्हें धमकाया भी।
अहमदाबाद पुलिस का बयान
अहमदाबाद पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि महेश लांगा ने खुद को एक इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट के रूप में पेश किया और इसका इस्तेमाल विभिन्न सरकारी कार्यालयों और कर्मचारियों तक पहुंचने के लिए किया। पुलिस का कहना है कि लांगा ने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व का उपयोग करते हुए भारतीय और विदेशी नागरिकों के बीच खुद को एक फाइनेंशियल ब्रोकर, जमीन दलाल, और लॉबिस्ट के रूप में पेश किया।
पुलिस के अनुसार, लांगा की लक्जरी लाइफस्टाइल भी जांच के दायरे में आई है, जिसमें फाइव-स्टार होटलों, प्रेसिडेंशियल सूट, चार्टर्ड फ्लाइट्स, और विदेशी यात्राओं का जिक्र किया गया है। पुलिस का कहना है कि लांगा की इन गतिविधियों के कारण आयकर विभाग को एक अलग जांच के लिए भी शामिल किया गया है।
दूसरे केस का विवरण: राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशीलता
महेश लांगा के खिलाफ दूसरा मामला गुजरात मैरीटाइम बोर्ड से संबंधित था, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा बताया गया था। पुलिस का कहना है कि इस मामले में बंदरगाहों की सुरक्षा से जुड़े कुछ संवेदनशील दस्तावेजों और जानकारी को लेकर लांगा ने पत्रकार के रूप में अपने संपर्कों का दुरुपयोग किया।
‘द हिंदू’ के समर्थन में आए एन. राम
महेश लांगा पर हो रही कानूनी कार्रवाई को लेकर ‘द हिंदू पब्लिशिंग ग्रुप’ के निदेशक एन. राम ने भी अपना विरोध दर्ज किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि,
“अगर पत्रकारों को दस्तावेजों को प्राप्त करने और विश्लेषण करने के लिए सजा दी जाएगी, तो बहुत से इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।”
राम ने कहा कि एक पत्रकार के अधिकार की रक्षा होनी चाहिए कि वह अपने काम के सिलसिले में गोपनीय और संवेदनशील दस्तावेज प्राप्त कर सके और उन्हें विश्लेषित कर सके।
तीसरे मामले में सबूत और पुलिस की जांच
अहमदाबाद पुलिस के कमिश्नर जीएस मलिक ने बताया कि शिकायतकर्ता प्रणव शाह ने बैंक लेनदेन के रिकॉर्ड सहित “पर्याप्त सबूत” प्रस्तुत किए हैं। पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान शेल कंपनियों, धोखाधड़ीपूर्ण लेनदेन, और संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों का एक जटिल जाल सामने आया है, जिससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचा है।
जांच का विस्तार और GST धोखाधड़ी का मामला
महेश लांगा के खिलाफ जो पहले GST धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था, उसमें भी अब पुलिस को नए सबूत मिलने का दावा किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि लांगा ने फर्जी कंपनियों के माध्यम से कई संदिग्ध लेनदेन किए हैं।
जांच के दौरान, पुलिस ने लांगा के साथ जुड़े कई अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। इससे पता चलता है कि यह मामला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें और भी कई नाम शामिल हो सकते हैं।
निष्कर्ष
महेश लांगा के खिलाफ दर्ज तीसरे मामले ने गुजरात के पत्रकारिता जगत में हलचल मचा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या-क्या नए मोड़ आते है और पुलिस की जांच किस ओर आगे बढ़ती है, यह देखने वाली बात होगी।
जहां एक ओर पत्रकारिता जगत लांगा के समर्थन में खड़ा है, वहीं दूसरी ओर पुलिस और प्रशासन का कहना है कि जांच में सामने आई संदिग्ध गतिविधियों और धोखाधड़ी के सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
अगले कुछ हफ्ते महेश लांगा के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं, क्योंकि पुलिस की जांच और आयकर विभाग की जांच के नतीजे उनके भविष्य को तय करेंगे।
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