पूर्व महाराष्ट्र और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी का नाम सिर्फ राजनीति में ही नहीं, बल्कि उनकी शानो-शौकत भरी ज़िंदगी के लिए भी जाना जाता है। 66 साल की उम्र में उनकी हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया। बाबा सिद्दीकी का सफर राजनीति से लेकर बॉलीवुड के गलियारों तक फैला हुआ था। बाबा सिद्दीकी की जीवन यात्रा केवल राजनीति तक सीमित नहीं थी; उनका प्रभाव समाज के कई क्षेत्रों में फैला हुआ था। वे न केवल एक सशक्त नेता थे, बल्कि एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। उनके नेतृत्व में, कई सामाजिक पहलें शुरू की गईं, जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त करने में मदद की। उनके लिए राजनीति केवल सत्ता पाने का माध्यम नहीं था, बल्कि समाज के उत्थान का एक साधन था।आइए जानते हैं, उनकी संपत्ति, शाही जीवनशैली और राजनीतिक करियर के बारे में विस्तार से।

राजनीतिक करियर का सफर
बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा नाम थे। वे तीन बार लगातार 1999, 2004, और 2009 में बांद्रा पूर्व से विधायक रहे। उनका राजनीतिक करियर कांग्रेस से शुरू हुआ था, लेकिन 2024 में उन्होंने एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) जॉइन कर ली, जिसे महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने लीड किया। उन्होंने कांग्रेस के लिए कई महत्वपूर्ण पद संभाले, जिनमें बांद्रा के BYC (बॉम्बे यंग कांग्रेस) के अध्यक्ष और मुंबई रीजनल कांग्रेस के चेयरमैन जैसे पद शामिल थे।
बॉलीवुड से कनेक्शन और प्रसिद्ध इफ्तार पार्टी
बाबा सिद्दीकी के बॉलीवुड से गहरे रिश्ते थे। उनकी इफ्तार पार्टी हर साल सुर्खियों में रहती थी, जिसमें बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां शिरकत करती थीं। शाहरुख खान और सलमान खान का एक साथ दिखाई देना इसी पार्टी की वजह से चर्चा में आया था। सिद्दीकी की ये पार्टियां सिर्फ उनके सामाजिक दायरे को नहीं, बल्कि उनके प्रभावशाली कनेक्शन को भी दिखाती थीं।

संपत्ति और लग्जरी जीवन
बाबा सिद्दीकी की संपत्ति का ज़िक्र करना जरूरी है, क्योंकि यह उनके रुतबे को भी दर्शाता है। 2022 में चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार, उनकी संपत्ति लगभग 76 करोड़ रुपये थी, जबकि उनके ऊपर 23 करोड़ रुपये का कर्ज भी था। उनके पास Mercedes-Benz जैसी लग्जरी कारें थीं और सोने-हीरे के आभूषण भी थे।
रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट
सिर्फ गाड़ियाँ और आभूषण ही नहीं, बाबा सिद्दीकी के पास actual property के रूप में भी काफी बड़ा निवेश था। उनके पास Commercial units, agricultural land and residential properties थीं।
2018 की ED कार्यवाही
बाबा सिद्दीकी का नाम 2018 में तब विवादों में आया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग और बांद्रा के स्लम पुनर्वास योजना में अनियमितताओं के आरोप में उनकी संपत्ति जब्त की थी। इस दौरान ED ने 462 करोड़ रुपये मूल्य की 33 फ्लैट्स ज़ब्त किए थे। हालांकि, इस कार्यवाही के बाद भी उनका राजनीतिक और सामाजिक जीवन प्रभावित नहीं हुआ, और वे अपनी शानो-शौकत से भरी ज़िंदगी जीते रहे।
परिवार और उत्तराधिकारी
बाबा सिद्दीकी के पुत्र ज़ीशान सिद्दीकी भी राजनीति में हैं और बांद्रा पूर्व से विधायक हैं। ज़ीशान ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए राजनीति में कदम रखा और वे भी एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते हैं।

एक राजनीतिक और सामाजिक व्यक्तित्व का अंत
बाबा सिद्दीकी की हत्या ने उनके चाहने वालों और उनके समर्थकों को गहरे दुख में डाल दिया है। उनकी मौत न केवल राजनीति के लिए एक बड़ा नुकसान है, बल्कि वे अपने पीछे एक शानदार विरासत और एक प्रभावशाली व्यक्तित्व छोड़ गए हैं। उनकी संपत्ति और जीवनशैली भी उनके व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा थीं, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती थीं।
निष्कर्ष
बाबा सिद्दीकी का जीवन राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उन्होंने हमेशा अपनी शानो-शौकत को बरकरार रखा। उनकी संपत्ति और उनकी लग्जरी जीवनशैली आज भी लोगों के लिए एक चर्चा का विषय है।
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