दिल्ली की राजनीति एक बार फिर से गर्मा गई है। इस बार मामला है अरविंद केजरीवाल पर हुए कथित “हमले” का, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) ने सीधे तौर पर भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के नेताओं पर आरोप लगाया है। शुक्रवार को पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी इलाके में आयोजित पैदल मार्च के दौरान AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कथित रूप से हमला हुआ। इस घटना को लेकर AAP और BJP के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है।

आरोपों की कहानी
शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में, AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इस हमले में BJYM के नेताओं की संलिप्तता साफ तौर पर दिखाई देती है। उन्होंने वीडियो में जिन नेताओं की पहचान की, वे BJYM के प्रदेश उपाध्यक्ष रोहित सहरावत और महासचिव अरुण द्राल थे। संजय सिंह ने वीडियो को प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा, “रोहित सहरावत और अरुण द्राल जैसे लोग खुलेआम धमकी दे रहे हैं कि ये गुंडागर्दी विकासपुरी तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जहां भी अरविंद केजरीवाल जाएंगे, वहां यह लोग गड़बड़ करेंगे।”
संजय सिंह का कहना था कि BJYM नेताओं की तरफ से यह बयान और इनकी हरकतें इस बात का सबूत हैं कि वे जानबूझकर मुख्यमंत्री पर हमला करना चाहते थे। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “ये लोग न केवल दिल्ली की शांति भंग करना चाहते हैं, बल्कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ षड्यंत्र भी रच रहे हैं।”
बीजेपी का पलटवार
AAP के आरोपों पर बीजेपी ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी। BJP के वरिष्ठ नेताओं ने इस घटना को लेकर किसी भी प्रकार के हमले से इनकार करते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया। BJP के प्रवक्ता ने कहा, “केजरीवाल और उनकी पार्टी के लोग हमेशा सहानुभूति पाने के लिए इस तरह के नाटक करते हैं। ये उनकी पुरानी रणनीति है, जिसमें वे विरोधियों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं।”
BJYM के नेताओं ने भी AAP के आरोपों को खारिज करते हुए साफ शब्दों में कहा कि ये सब एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है। रोहित सहरावत और अरुण द्राल ने कहा कि वे सिर्फ विकासपुरी इलाके में चल रहे एक अभियान का हिस्सा थे और उनके पास इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है। रोहित सहरावत ने इसे सीधे तौर पर राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए कहा, “AAP हर बार जब सवालों के घेरे में आती है, तो वह इस तरह के आरोप लगाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करती है।”
दोनों पक्षों की रणनीति: सच्चाई या राजनीति?
आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच केजरीवाल पर हमले के आरोपों को लेकर जो बयानबाजी चल रही है, वह केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं है। दोनों पक्षों की तरफ से अपने-अपने समर्थकों को संदेश देने की भी कोशिश हो रही है।
AAP इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर जनता के बीच ले जाना चाहती है, ताकि दिल्ली के लोगों के बीच यह संदेश जाए कि बीजेपी अपने विरोधियों पर हमला करवा रही है। वहीं, बीजेपी इस पूरी घटना को AAP का एक ‘पब्लिसिटी स्टंट’ बताकर इसे खारिज कर रही है। उनका मानना है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी जानबूझकर इस तरह के विवाद खड़े कर रही है, ताकि वे दिल्ली की असली समस्याओं से लोगों का ध्यान हटा सकें।

सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
इस पूरी घटना ने एक और सवाल खड़ा कर दिया है—केजरीवाल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर। अगर वाकई में उनके ऊपर हमला हुआ है, तो यह दिल्ली पुलिस के लिए एक गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में इस तरह की चूक, वो भी राजधानी में, कई सवाल खड़े करती है।
AAP नेताओं ने इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए पुलिस की तरफ से पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे, जिसके चलते ये घटना घटित हुई। AAP नेताओं ने पुलिस से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग भी की है।
सोशल मीडिया पर बयानबाजी
राजनीतिक दलों के बीच यह मामला केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस और बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा। सोशल मीडिया पर भी दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच खूब बहस छिड़ गई है। ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर AAP और BJP के समर्थकों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिल रही है। जहां AAP समर्थक इस घटना को बीजेपी की ‘राजनीतिक गुंडागर्दी’ बता रहे हैं, वहीं BJP समर्थक इसे AAP की ‘पुरानी राजनीति’ करार दे रहे हैं।
क्या कहता है कानून?
इस घटना के बाद सवाल यह भी उठता है कि क्या आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी? AAP ने इस मामले में BJYM के नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। संजय सिंह ने अपने बयान में कहा कि इस तरह के हमलों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पार्टी इस मामले में पुलिस को सभी जरूरी सबूत सौंपेगी। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर भी बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
वहीं, BJP ने इस मामले में AAP के आरोपों को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया और BJYM के नेताओं का बचाव किया। पार्टी के नेताओं का कहना है कि अगर कोई सबूत है, तो उसे पुलिस को दिया जाना चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए।
आगे की राह
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है। क्या AAP के आरोप सही साबित होते हैं, या फिर यह एक और राजनीतिक विवाद के रूप में ही रह जाता है? केजरीवाल पर हुए कथित हमले के आरोप ने एक बार फिर से दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है।
दिल्ली की राजनीति में ऐसे आरोप-प्रत्यारोप का दौर कोई नई बात नहीं है। चाहे वह धरना प्रदर्शन हो, सरकार की नीतियों को लेकर बहस हो, या फिर किसी नेता पर हमले के आरोप हों, दिल्ली की राजनीति हमेशा से विवादों और सुर्खियों में रही है। अब देखने वाली बात यह है कि इस मामले में दोनों पार्टियों के दावों और आरोपों में कितनी सच्चाई है और कौन सा पक्ष अपने आरोपों को साबित करने में कामयाब होता है।
राजनीतिक गलियारों में इस घटना को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है, और आने वाले दिनों में यह विवाद किस दिशा में जाता है, यह देखना दिलचस्प होगा। यह घटना केवल एक राजनीतिक विवाद है या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश है, यह तो आने वाले समय में ही साफ हो पाएगा।
इस बीच, दिल्ली की जनता भी इस घटनाक्रम पर अपनी नजरें जमाए बैठी है। चुनावी माहौल में ऐसे विवाद अक्सर बड़े मुद्दे बन जाते हैं, और इसी वजह से दिल्ली की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ता है, यह देखना भी अहम होगा।
हमें इंतजार करना होगा कि आने वाले दिनों में इस घटना को लेकर और क्या-क्या खुलासे होते हैं और कौन से तथ्य सामने आते हैं। अभी के लिए, इतना जरूर कहा जा सकता है कि दिल्ली की राजनीति में यह मामला कुछ दिनों तक सुर्खियों में रहेगा।
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