चित्रगुप्त पूजा 2024: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

Photo of author

By ry132222@gmail.com

भारत में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा मनाई जाती है। 2024 में यह पूजा 3 नवंबर को है। चित्रगुप्त जी को न्याय के देवता माना जाता है, जो प्रत्येक व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। इस दिन उनकी पूजा से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और जीवन में शुभता का संचार होता है। इस लेख में हम चित्रगुप्त पूजा का महत्त्व, विधि, शुभ मुहूर्त, और पूजा में ध्यान देने योग्य नियमों के बारे में जानेंगे।

सनातन धर्म में चित्रगुप्त पूजा का विशेष धार्मिक महत्त्व है।
imagesearchman

चित्रगुप्त पूजा का महत्व (Importance of Chitragupta Puja)

सनातन धर्म में चित्रगुप्त पूजा का विशेष धार्मिक महत्त्व है। चित्रगुप्त जी को भगवान ब्रह्मा जी के आदेश पर बनाया गया, ताकि वे प्रत्येक जीव के कर्मों का हिसाब रखें। इसलिए उन्हें न्याय का प्रतीक भी माना जाता है। इस पूजा के माध्यम से लोग अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। विशेषकर कायस्थ समाज के लोग इस पूजा को बड़े श्रद्धा भाव से करते हैं।

शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat for Chitragupta Puja 2024)

2024 में चित्रगुप्त पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

  • तिथि प्रारंभ: 2 नवंबर 2024, रात 08:21 बजे
  • तिथि समाप्त: 3 नवंबर 2024
  • पूजा का शुभ समय: सुबह 07:57 बजे से दोपहर 12:04 बजे तक

चित्रगुप्त पूजा विधि (Chitragupta Puja Vidhi)

इस दिन विशेष पूजा विधि का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। चित्रगुप्त पूजा विधि निम्नलिखित चरणों में सम्पन्न की जाती है:

  1. साफ-सफाई: सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की साफ-सफाई करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
  2. प्रतिमा स्थापना: भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित करें। आप चाहें तो किसी मंदिर में भी जा सकते हैं, जहाँ उनकी मूर्ति हो।
  3. मूर्ति स्नान: भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा को गुलाब जल से स्नान कराएं और उन पर रोली और चंदन का तिलक लगाएं।
  4. दीप प्रज्वलित करें: घी का दीपक जलाएं, फूल और अक्षत अर्पित करें। पूजा में विशेष सामग्री जैसे फल, मिठाई, पंचामृत (दही, दूध, शहद, चीनी और घी से बना) का भोग लगाएं।
  5. स्वस्तिक चिन्ह: पूजा स्थल पर जमीन पर हल्दी, सिन्दूर और चंदन से स्वस्तिक बनाएं। यह चित्रगुप्त पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  6. पत्रिका और कलम पूजा: इस दिन कलम, दवात और सफेद कागज की पूजा की जाती है। यह वस्त्र भी भगवान चित्रगुप्त को अर्पित किए जाते हैं, ताकि वे आपके सभी कर्मों को शुभ दृष्टि से देखें।
  7. चित्रगुप्त कथा का पाठ: पूजा के दौरान चित्रगुप्त कथा का पाठ करें। इससे पूजा में आस्था बढ़ती है और धार्मिक माहौल का निर्माण होता है।
  8. मंत्र जाप और आरती: भगवान चित्रगुप्त की आरती करें और उनके निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
    • मंत्र 1: ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः
    • मंत्र 2: मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
      लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।
  9. क्षमा-याचना: पूजा समाप्ति के बाद अपने द्वारा की गई किसी भी गलती के लिए क्षमा-याचना करें।

पूजा में उपयोगी सामग्री (Materials Needed for Chitragupta Puja)

चित्रगुप्त पूजा में प्रयुक्त की जाने वाली सामग्रियाँ निम्नलिखित हैं:

  • सफेद कागज, कलम, दवात, पीले वस्त्र, अक्षत, फूल, माला, चंदन, कपूर, तुलसी के पत्ते, गंगाजल, धूप, दीप, नैवेद्य, मिठाई, फल, पान, सुपारी, तिल, पीली सरसों आदि।
चित्रगुप्त पूजा में कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है। यह पूजा पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से की जानी चाहिए।
imagesearchman

पूजा के नियम और सावधानियाँ (चित्रगुप्त पूजा )

चित्रगुप्त पूजा में कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है। यह पूजा पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से की जानी चाहिए। पूजा में पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। कलम और खाताबही को पूजा में विशेष स्थान दिया जाता है। यह पूजा उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो लेखन या किसी भी प्रकार का कार्यालयीन कार्य करते हैं।

इस दिन गलतियों के लिए क्षमा मांगने का भी विशेष महत्व है। यदि पूजा के दौरान किसी प्रकार की गलती हो जाए तो भगवान चित्रगुप्त से क्षमा-प्रार्थना करें।

चित्रगुप्त पूजा से लाभ (Benefits of Chitragupta Puja)

चित्रगुप्त पूजा का पालन करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। यह पूजा व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाती है और जीवन में अच्छे कर्मों का महत्व समझने का अवसर देती है। भगवान चित्रगुप्त की कृपा से व्यक्ति को जीवन में आने वाली कठिनाइयों से निजात मिलती है और उसकी समस्याओं का हल मिलता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को अपने जीवन में सच्चाई और धर्म का पालन करने की प्रेरणा देना है।

भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा का संयोग (Chitragupta Puja)

इस वर्ष चित्रगुप्त पूजा और भाई दूज का पर्व एक ही दिन मनाया जा रहा है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और उनके खुशहाल जीवन के लिए पूजा करती हैं। चित्रगुप्त पूजा का दिन और भाई दूज का संयोग दोनों पर्वों के महत्व को और अधिक बढ़ा देता है।

निष्कर्ष (चित्रगुप्त पूजा )

चित्रगुप्त पूजा 2024 का यह विशेष अवसर हमें अपने जीवन में सुधार करने और अपने कर्मों का लेखा-जोखा रखने की प्रेरणा देता है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से हमारे जीवन के सभी नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और नए शुभ अवसर प्राप्त होते हैं।

इस लेख में बताए गए चित्रगुप्त पूजा विधि, मुहूर्त और मंत्रों का पालन कर आप अपने जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति कर सकते हैं।

 

Rule Change: 1 नवंबर 2024 से लागू हुए 7 नए नियम, हर जेब पर पड़ेगा असर

Leave a Comment