हर साल जब नवंबर का महीना आता है, तो अमेरिका और कई अन्य देशों में Daylight savings clocks (DST) का समापन होता है। इस साल, 2024 में, यह बदलाव रविवार, 3 नवंबर को हुआ। इसका अर्थ यह है कि उस दिन घड़ियाँ एक घंटे पीछे कर दी गईं, जिससे दिन की शुरुआत में अधिक रोशनी मिलती है। इस बदलाव के बारे में और जानने के लिए आइए इस लेख में विस्तार से समझें कि डे लाइट सेविंग्स टाइम का क्या महत्व है, इसकी शुरुआत कैसे हुई, और क्यों हर साल हम घड़ियों को आगे-पीछे करते हैं।

Daylight Savings Clocks का उद्देश्य क्या है ?
Daylight savings clocks का मुख्य उद्देश्य दिन के समय का उपयोग अधिक से अधिक करना है। इससे गर्मियों के समय में एक अतिरिक्त घंटे की रोशनी का लाभ मिलता है और रात को देर से अंधेरा होता है। डे लाइट सेविंग्स टाइम का बदलाव मार्च के दूसरे रविवार को शुरू होता है और नवंबर के पहले रविवार को ख़तम होता है। इस प्रक्रिया के पीछे इलेक्ट्रिक ऊर्जा की बचत और प्राकृतिक रोशनी का अधिकतम उपयोग करना DST का प्रमुख उद्देश्य रहा है।
2024 में कब-कब हुए बदलाव ?
इस साल, Daylight savings clocks का समय 10 मार्च 2024 को शुरू हुआ था, जब घड़ियाँ अपने समय से एक घंटे आगे की गई थीं, और 3 नवंबर 2024 को यह समाप्त हुआ। इस दिन घड़ियाँ सुबह 2 बजे से वापस 1 बजे कर दी गईं, जिससे लोगों को एक अतिरिक्त घंटे की नींद मिली।
डे लाइट सेविंग्स टाइम का इतिहास
Daylight savings clocks की शुरुआत का विचार पहली बार प्रथम विश्व युद्ध के दौरान आया था। 1916 में, जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने सबसे पहले इस प्रणाली को अपनाया गया था ताकि युद्धकाल में इलेक्ट्रिक ऊर्जा की बचत हो सके। इसके बाद 1918 में अमेरिका ने भी इसे लागू किया। इस समय बदलाव के समर्थक वाले लोग कहते हैं कि इससे दिन में बिजली की खपत में कमी होती है और शाम के समय अधिक रोशनी मिलती है।
अमेरिका में 2005 में Energy Policy Act के तहत इस समय बदलाव की तारीखें तय की गई थीं, जिसमें मार्च के दूसरे रविवार में पहले और नवंबर के पहले रविवार तक का दूसरा समय तय किया गया। 1986 के पहले, यह समय अप्रैल से अक्टूबर के बीच होता था, लेकिन इसके बाद इसे आगे बढ़ा दिया गया।
daylight savings clocks का प्रभाव
जब Daylight savings clocks समाप्त होता है, तो घड़ियाँ एक घंटे पीछे कर दी जाती हैं, जिससे सुबह अधिक रोशनी मिलती है और शाम को जल्दी अंधेरा होता है। इस समय बदलाव से अपने शरीर को कुछ दिन तक तालमेल बिठाने में कठिनाई हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे यह सामान्य हो जाता है।
क्यों हर राज्य में नहीं होता है DST?
हालांकि अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों में Daylight savings clocks का पालन होता है, लेकिन कुछ स्थानों, जैसे एरिजोना और हवाई, में यह लागू नहीं है। इसके अलावा, दुनिया के कई देशों ने इसे अपनाया नहीं है या अलग-अलग समय पर इसे लागू किया है। इस प्रणाली का उद्देश्य मुख्य रूप से उन स्थानों के लिए होता है जहाँ सर्दियों और गर्मियों में दिन और रात की समय की लंबाई में बड़ा अंतर होता है।

डे लाइट सेविंग्स का वैज्ञानिक कारण
धरती के घूमने और झुकाव के कारण उत्तरी गोलार्ध में जून से अगस्त के बीच दिन लंबे होते हैं, जबकि सर्दियों में दिन छोटे होते हैं। Daylight savings clocks की शुरुआत गर्मियों में दिन के अतिरिक्त घंटे का उपयोग करना होता है ताकि सूरज की रोशनी का लाभ उठाया जा सके।
विंटर सोलस्टाइस: साल का सबसे छोटा दिन
2024 में साल का सबसे छोटा दिन विंटर सोलस्टाइस यानी 21 दिसंबर को होगा। इस दिन उत्तरी गोलार्ध, सूर्य से सबसे दूर होता है, जिससे दिन छोटी हो जाती है और रातें लंबी हो जाती हैं।
क्या DST भविष्य में जारी रहेगा?
हाल के वर्षों में, कई लोगों ने यह तर्क दिया है कि Daylight savings clocks (DST) की अब कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आधुनिक समय में बिजली की खपत की आदतें बदल चुकी हैं। कुछ लोग मानते हैं कि इस समय बदलाव से केवल शरीर की आंतरिक घड़ी को ही परेशानी होती है। लेकिन अभी तक DST को पूरी तरह से बंद करने का कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है।
निष्कर्ष
Daylight savings clocks एक ऐसी प्रणाली है जो दशकों से चली आ रही है और इसके समर्थक मानते हैं कि यह प्राकृतिक रोशनी का अधिकतम उपयोग करने का एक ठोस तरीका है। हालांकि, कुछ लोग इसे एक पुरानी प्रथा मानते हैं जो आज के दौर में कारगर नहीं है। चाहे जो भी हो, इस समय बदलाव के दौरान हमें अपनी घड़ियों और समय का ध्यान रखना चाहिए ताकि हम इस बदलाव से तालमेल बिठा सकें।
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