मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले हफ्ते 10 जंगली हाथियों की रहस्यमयी मौत ने वन विभाग और रक्षा विशेषज्ञों को चौंका दिया। इन हाथियों के मौत का कारण “कोदो मिलेट” (Kodo Millet) से जुड़ा हुआ समझा जा रहा है । इस लेख में हम जानेंगे कि कोदो मिलेट क्या है और इसमें मिलने वाले वो कौन से खतरनाक तत्व हैं, और कैसे ये कोदो मिलेट ने इन हाथियों की जान ले ली।

क्या है कोदो मिलेट? (What is Kodo Millet?)
Kodo Millet (जिसे हिंदी में भी कोदो कहा जाता है)यह एक तरह का अनाज है जिसे भारत में पारंपरिक रूप से उगाया जाता है। यह मिलेट हम भारतीय इसे परिवार का हिस्सा मानते है और इसे विभिन्न स्वास्थ्य से जुडी लाभ मिलते है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे पौस्टिक आहार बनाती हैं। भारत के कई राज्यों में लोग इसे अपने खाने में उपयोग करते हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
हालांकि, कोदो मिलेट का सही से रख रखाव नहीं किया जाए तो इसमें फंगस और माइकोटॉक्सिन्स जैसे विषैले बैक्टीरिया पनप सकते हैं। ये बैक्टीरिया इसे बहुत ही जहरीला बना देता हैं, जिससे इसे खाने वाले जीवों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है या मौत भी हो सकती है ।
हाथियों की मौत का कारण: माइकोटॉक्सिन्स से ग्रसित जहरीला अनाज Kodo Millet
पिछले हफ्ते बांधवगढ़ के खितौली रेंज के संखानी और बाकेली क्षेत्रों में हाथियों की लाशें पाई गईं। अक्टूबर 29, 30 और 31 को इन हाथियों के मौत का सिलसिला लगातार जारी रहा, जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया। जब विशेषज्ञों ने इसकी जाँच पड़ताल किया तो पाया की इन हाथियों के मौत का कारण कोदो मिलेट में पाए जाने वाले माइकोटॉक्सिन्स हैं। माइकोटॉक्सिन्स एक प्रकार का फंगस से उत्पन्न विषाक्त पदार्थ होता है जो खराब रख रखाव के कारण अनाज में पनप जाता है।
विजय एन अंबाडे, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), के अनुसार कोदो मिलेट में पाए जाने वाले ये माइकोटॉक्सिन्स हाथियों की मौत का संभावित कारण हो सकता हैं। फोरेंसिक जांच और पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन सुरुवाती जांच के निष्कर्षों से यह संकेत मिला है कि कोदो मिलेट ने ही इन जानवरों की जान ली।
माइकोटॉक्सिन्स से हाथियों पर कैसे असर हुआ ? कोदो मिलेट
माइकोटॉक्सिन से विषाक्तता एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं। जब हाथी इस बिषैली अनाज को खाते हैं, तो उनका शरीर इन अनाज को पचा नहीं पाता है । माइकोटॉक्सिन सीधे उनके पाचन तंत्र और लीवर को प्रभावित करते हैं, जिससे अंग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और अंततः उनकी मृत्यु हो जाती है।

क्या है वन विभाग का कदम ? Kodo Millet
इस दर्दनाक घटना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय टीम को जांच का आदेश दिया। जाँच होने के बाद यह पाया गया कि इन हाथियों के मौत का कारन कोई बाहरी तत्व, जैसे कीटनाशक या अन्य जहर का कोई योगदान नहीं था।
मुख्यमंत्री ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के दो सीनियर अधिकारियों को हटाने का निर्णय लिया, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की दोहराया नहीं जा सके। इसके अलावा वन विभाग इस बात पर विचार कर रहा है किKodo Millet के रखरखाव पर अधिक ध्यान दिया जाए और वन्यजीवों के रहने वाले क्षेत्रों में इस प्रकार के जहरीले अनाज की उनकी पहुँच में ना आये।
क्या है कोदो मिलेट के फायदे और खतरे ? Kodo Millet
Kodo Millet को पौस्टिक आहार के रूप में देखा जाता है, और भारत में कई स्थानों पर इसका सेवन किया जाता है। यह अनाज विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक है जो डायबिटीज, पाचन समस्याओं या वजन घटाने में दिलचस्पी रखते हैं। कोदो मिलेट में हाई मात्रा में फाइबर, आयरन और प्रोटीन होते हैं, जो इसे अन्य अनाजों की तुलना में विशेष बनाता हैं।
हालाँकि, इसका सही रखरखाव न होने पर यह बिसयुक्त हो जाता है। कोदो मिलेट को खुले स्थानों में छोड़ना या नमी वाले स्थानों पर रखना इससे जुड़े खतरों को बढ़ा सकता है, क्योंकि नमी के कारण इसमें फंगस पनप सकती है, जिससे कोदो में माइकोटॉक्सिन्स त्यार होता है।
वन्यजीवों के लिए सुरक्षा की दिशा में सुझाव Kodo Millet
अनाज के भंडारण पर ध्यान: Kodo Millet जैसे अनाजों को सुरक्षित ढंग से रखना चाहिए। इन्हें नमी रहित स्थान पर रखना और पेस्ट प्रूफ कंटेनर में रखना जरूरी है।
वेटलैंड्स और वन्यजीवों के निवास स्थान पर रोकथाम: वन्यजीवों के आवासीय क्षेत्रों के पास अनाज या खाद्य पदार्थों को खुला छोड़ना वन्यजीवों के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे उन्हें अनजाने में बिषयुक्त अनाज का सेवन करने का जोखिम हो सकता है।

विभागीय सतर्कता बढ़ाना: वन विभाग को वन्यजीवों के राणे वाले क्षेत्रों में नियमित निगरानी रखनी चाहिए और समय-समय पर इन क्षेत्रों में किसी भी तरह के अनाज या खाद्य पदार्थ का जाँच पड़ताल करना चाहिए।
निष्कर्ष : कोदो मिलेट
बांधवगढ़ की इस घटना ने वन्यजीव सुरक्षा को लेकर एक नई चेतावनी दी है। Kodo Millet जैसे अनाज, जो सामान्यत: फायदेमंद माने जाते हैं, वन्यजीवों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं यदि वे सही से रखरखाव न किए जाय । हाथियों की इस दर्दनाक मौत ने वन विभाग को अपने सुरक्षा मानकों पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।
आशा है कि इस घटना के बाद वन विभाग और सरकार मिलकर वन्यजीवों के सुरक्षा उपायों को और मजबूत बनाएँगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दुबारा न देखने मिले।
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