क्रिकेट में स्पिन गेंदबाजी के सामने टिके रहना किसी भी बल्लेबाज के लिए एक असली चुनौती होती है, खासकर तब तब जब गेंदबाज वाली टीम की सबसे बड़ी उम्मीद हो। 3 नवंबर 2024 का दिन भारत के युवा बल्लेबाजों, ऋषभ पंत और शुभमन गिल के नाम रहा, जिन्होंने न्यूजीलैंड के स्पिनर एजाज पटेल को अपने अंदाज़ में खूब धोया । इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि कैसे इन दोनों बल्लेबाजों ने स्पिनरों के खिलाफ अपनी एक अलग रणनीति बनाई और भारत के लिए एक मजबूत स्कोर खड़ा कर दिया।

पंत की आक्रामक शुरुआत से और स्पिनरों पर दबाव
सुबह के पहले ओवर में ही ऋषभ पंत ने एजाज पटेल की गेंदों पर आक्रामक खेल दिखाते हुए तीन बाउंड्री मारीं। इस जबरदस्त शुरुआत ने पटेल पर दबाव बढ़ा दिया, जो उस दिन का सबसे बड़े खतरनाक बॉलर माने जा रहे थे। पंत ने 36 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर लिया, जिसमें शुरुआती एक घंटे में उन्होंने 49 रन बना डाले।भारत के लिए पारी खेलते हुए पंत ने हर बार पटेल की हर गलती का फायदा उठाया और कभी लैप शॉट से, कभी सीधा छक्का मारते हुए पंत ने पटेल को उसी के जगह पर हिला दिया।
गिल का अंदाज: आक्रामकता नहीं, संयम के साथ खेलना
जहाँ पंत हर गेंद पर आक्रमण की फिराक में थे, वही शुभमन गिल ने संयम और सावधानी से भारत के लिए खेलते हुए अपनी पारी को आगे बढ़ाया। गिल ने पटेल के खिलाफ जबरदस्त पारी खेलते हुए अपने विकेट को भी बचाते हुए सूझ बुझ के साथ खेला। उन्होंने अपने शॉट्स में धैर्य और समय का सही उपयोग करते हुए उन्होंने पंत के मुकाबले एक संतुलित अंदाज में खेला। पंत और गिल के इस जादू ने न्यूजीलैंड के स्पिनरों को उलझन में डाल दिया, जिससे न्यूजीलैंड प्लान काम नहीं किया। पहले पाँच ओवरों में पटेल के गेंद पर भारत ने 40 रन बनाए , जिससे कप्तान टॉम लैथम को गेंदबाज बदलने पर मजबूर होना पड़ा।
पटेल की वापसी की कोशिश
एक दिन पहले भारत के लिए : भारत ने अंतिम कुछ मिनटों में दो विकेट खो दिए थे, जिसमें पटेल ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने यशस्वी जायसवाल और मोहम्मद सिराज के विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी को झकझोर कर रख दिया था। परंतु, आज सुबह पंत और गिल की साझेदारी ने पटेल को शुरुआती दौर में ही मात कहानी पड़ी। पंत के आक्रामक रवैये ने पटेल की गेंबाज़ी को को झकझोर कर रख दिया, जिससे पटेल ओवर काफी महंगे साबित हुए।
पटेल ने बाद में उस पल को याद कर कहा, “आज सुबह मैंने अच्छा गेंदबाजी की, लेकिन पंत ने अविश्वसनीय बल्लेबाजी की। उन्होंने पूरे टूर में शानदार प्रदर्शन किया है और हमारी टीम पर दबाव बनाए रखा है।”
गिल की मुश्किल दौर में एक अच्छी सुधार
शुभमन गिल का साल 2024 टेस्ट क्रिकेट में बेहतर रहा है पर उनका यह सफर काफी उतार चढाव से बीता है। पहले चोट के कारण बेंगलुरु टेस्ट में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था। पुणे टेस्ट में उन्हें मिचेल सेंटनर की लेफ्ट-आर्म स्पिन ने दोनों पारियों में जबरदस्त चुनौती दी थी। परंतु, इस बार गिल ने इस चुनौती को बहू ही गंभीरता से लिया और मुंबई में दो बड़े नेट सेशन में अभ्यास कर अपनी कमजोरी को दूर करने की कोशिश की। उन्होंने लेफ्ट-आर्म स्पिन के खिलाफ अपनी तकनीक को और मजबूत किया, खासकर अपने बचाव के लिए बहुत अभ्यास किया,और अपने आप को भारत के लिए एक अच्छा बैट्समैन साबित किया ।
गिल ने खुद इस बारे में कहा, “पिछले कुछ टेस्ट सेशन में मैंने अपने स्पिन खेलने की तकनीक पर काफी काम किया। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दौरान मैं अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में था और इस बार भी वही मानसिकता रखने का प्रयास किया।”
दबाव में अलग-अलग तरीके को अपनाना
भारत के लिए उतरे बैट्समैन गिल और पंत दोनों के खेलने के अंदाज में एक बड़ा अंतर देखने को मिला। जहाँ पंत ने आक्रामक अंदाज अपनाते हुए गेंदबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखा, वहीं गिल संयमित खेल दिखाते हुए धीरे-धीरे अपनी पारी को आगे बढ़ाते रहे। पंत की अंदाज़ ने गेंदबाजों को परेशान कर दिया, जबकि गिल ने अपने शॉट्स का चयन सोच-समझकर किया। पंत के तेज रन बनाने के कारण गिल को पिच पर सेट होने का समय मिला और उन्होंने इसे बेहतरीन ढंग से पेश किया ।

दोनों के बीच गहरी दोस्ती और क्रिकेट प्रेम
ऋषभ पंत और शुभमन गिल के बीच एक बेहतरीन दोस्ती भी है, जो मैदान पर साफ दिखती है। चेन्नई टेस्ट में दोनों की भारत के लिए 167 रनों की साझेदारी में गिल ने मजाक में कहा था कि पंत का बल्ला दो बार क्रीज पर टकरा जाता है, जो उनकी बैट की उम्र घटा सकता है। यह मस्ती और खेल के प्रति दोनों की दीवानगी उन दोनों को भारतीय क्रिकेट एक मजबूत टीम के रूप में खड़ा कर सकती है।
अंततः
आज का दिन भारत के लिए फायदेमंद साबित हुआ, जहाँ दोनों बल्लेबाजों की अलग-अलग शैलियों ने न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त कर दिया। पंत की आक्रामकता और गिल का संयम भारतीय टीम के लिए संजीवनी साबित हुआ। पंत ने शुरुआत में ही रनों की गति को तेज़ी दी, जिससे न्यूजीलैंड को वापसी करने का अवसर नहीं मिला। दूसरी ओर, गिल ने कठिन परिस्थिति में टिके रहकर और सही समय पर शॉट्स खेलकर भारतीय पारी को स्थिरता प्रदान की ।
निष्कर्ष
ऋषभ पंत और शुभमन गिल की यह साझेदारी भारतीय क्रिकेट के नए भारतीय क्रिकेट की तस्वीर है, जहाँ युवा खिलाड़ी मुश्किल परिस्थितियों में भी खुद को साबित करने के लिए तैयार हैं। एक ओर पंत जैसे आक्रामक खिलाड़ी हैं जो विपक्षी गेंदबाजों पर लगातार हावी हो सकते हैं, तो दूसरी ओर गिल जो काफी संयमित खिलाड़ी हैं जो मुश्किल दौर में काफी दबाव में भी टिके रह सकते हैं।
इस अद्वितीय टेस्ट पारी ने दिखाया कि भारतीय क्रिकेट की नई पीढ़ी पूरी तरह हर परिस्थति में खेलने को तैयार है। और अगर भविष्य में ऐसे ही प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा चलता रहा तो भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊँचाइ पर ले जाया जा सकता है।
Also Read
चित्रगुप्त पूजा 2024: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र